ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन न्यूयॉर्क में हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा से लौटे और 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने में प्रमुख बाधा के रूप में अमेरिका की आलोचना की। उन्होंने वॉशिंगटन पर समझौता रोकने के लिए "नए बहाने" इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका एक मजबूत ईरान को बर्दाश्त नहीं कर सकता।
फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने समझौते के "स्नैपबैक" मेकेनिज्म को सक्रिय किया, जिससे संयुक्त व्यापक कार्य योजना के तहत हटाए गए यूएन प्रतिबंधों को फिर से बहाल कर दिया गया। इसके जवाब में, ईरान ने इन तीन राजधानियों से अपने राजदूतों को वापस बुलाया और इस कदम को "गैरकानूनी, अमान्य और बेबुनियाद" बताते हुए अमेरिका की धोखाधड़ी और यूरोपीय निष्क्रियता को दोषी ठहराया।
2015 का समझौता, ईरान और छह विश्व शक्तियों के बीच बातचीत के तहत, तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर सीमाएं लगाने के बदले में प्रतिबंधों में ढील दी गई। 2018 में अमेरिका के पीछे हटने के बाद से यह तनाव में है, जिससे ईरान ने धीरे-धीरे अनुपालन को कम करना शुरू कर दिया। जैसे ही यूएन के उपाय फिर से शुरू किए जा रहे हैं, क्षेत्रीय और वैश्विक पर्यवेक्षक इस राजनयिक गतिरोध को कैसे विकसित होते देखेंगे।
Reference(s):
Iran slams U.S., Europe as nuclear deal sanctions set to resume
cgtn.com