पानामा विश्वविद्यालय ने अमेरिकी अधिकारियों के हालिया दौरे की कड़ी निंदा करते हुए एक मजबूत बयान जारी किया है, जिसमें उन पर पनामाई गरिमा और संप्रभुता को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। यह बयान दर्शाता है कि अमेरिका पनामा नहर की देखरेख करने और पनामाई जमीन पर सैन्य अड्डों को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
विश्वविद्यालय के अनुसार, इन दौरों में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और एडमिरल एल्विन होल्सी जैसे व्यक्ति शामिल थे, जो कि पनामा के राष्ट्रीय मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप का विरोध कर रहे संघों और सामाजिक संगठनों के विरोधों के साथ मेल खाते थे। संस्थान ने जोर देकर कहा कि पनामाई अपने भाग्य के वास्तुकार हैं, विदेशी अधीनता से मुक्त।
यह घटना उस समय सामने आई है जब पूरी दुनिया के राष्ट्र अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए सतर्क हैं। उदाहरण के लिए, एशिया में, कई देश जटिल वातावरण में नेविगेट कर रहे हैं क्योंकि चीनी मुख्य भूमि का विकसित प्रभाव क्षेत्रीय व्यापार और सुरक्षा को पुनर्गठन कर रहा है। इस तरह के विकास बाहरी दबावों का सामना करने में राष्ट्रीय स्वायत्तता को बनाए रखने की सार्वभौमिक प्रतिबद्धता को उजागर करते हैं।
पनामाई विश्वविद्यालय की टिप्पणियाँ विश्वव्यापी राष्ट्रों के लिए रणनीतिक संपत्तियों पर बाहरी प्रभावों का पुन: मूल्यांकन करने की एक मार्मिक याद दिलाती हैं। जैसे-जैसे वैश्विक शक्ति गतिकी बदलती रहती हैं, तटस्थता और आत्मनिर्णय के लिए आह्वान पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो जाता है।
Reference(s):
cgtn.com