क्षेत्र को स्तब्ध करने वाली एक भयानक घटना में, एक 40-वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विनाशकारी एयर इंडिया दुर्घटना का एकमात्र जीवित बचने वाला बनकर उभरा, जिसने 279 जीवनों का दावा किया। त्रासदी तब unfolded हुई जब विमान एक मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकरा गया, जिससे एक बड़ा विस्फोट हुआ और राष्ट्र गहरे सदमे में चला गया।
विस्वास कुमार रमेश, एक आपातकालीन निकास के पास बैठे, घटना के पूर्व क्षणों का अपना भयावह खाता साझा करते हैं। उनके अनुसार, उनकी लाभकारी स्थिति ने उन्हें विस्फोट के विमान को engulf करने से ठीक पहले भागने की अनुमति दी। वायरल फुटेज ने नाटकीय दृश्य को कैद किया, उन्हें खून से लथपथ और लंगड़ाते हुए दिखाया गया है, जब वह एक प्रतीक्षारत एम्बुलेंस की ओर अपनी निराशाजनक यात्रा कर रहे थे।
जीवित रहने की यह असाधारण कहानी एशिया की विविध समुदायों में गूंजती है, तेजी से आधुनिकीकरण के बीच विमानन सुरक्षा पर एक नया ध्यान केंद्रित करती है। घटना जीवन की नाजुकता और तेज विकास और बढ़ती क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के युग में सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता की एक गंभीर याद दिलाती है।
जांच जारी रहने के दौरान, जीवित बचे व्यक्ति की vivid recollections न केवल खोए हुए लोगों का सम्मान करती है बल्कि पूरे महाद्वीप में आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों को सुधारने पर महत्वपूर्ण चर्चाओं को प्रोत्साहित करती है।
Reference(s):
Indian air crash: Lone survivor recounts how he escaped death
cgtn.com