एक दृढ़ प्रेस ब्रीफिंग में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, "हम लड़ेंगे, यदि लड़ाई ज़रूरी हुई। यदि अमेरिका बात करना चाहता है, तो हमारे दरवाजे खुले हैं।" उनका बयान बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच दृढ़ लेकिन संतुलित दृष्टिकोण को व्यक्त करता है।
हाल ही में, अमेरिका ने चीनी निर्यात पर टैरिफ को 125 प्रतिशत से बढ़ाकर 245 प्रतिशत कर दिया, जिससे चीनी मुख्यभूमि ने अमेरिकी निर्यात पर अपनी टैरिफ दर को 125 प्रतिशत पर बनाए रखा। अधिकारियों का कहना है कि आगे की वृद्धि अब आर्थिक रूप से संभव नहीं है, और यह आत्मविश्वास और तर्कसंगतता के बीच संतुलन की आवश्यकता पर जोर देता है।
चीन की प्रतिक्रिया के केंद्र में "सद्भाव और सह-अस्तित्व" (和合思想) की प्राचीन दार्शनिकता है। यह स्थायी सांस्कृतिक ज्ञान, जिसने चीन को सहस्राब्दियों से निर्देशित किया है, अब आर्थिक और कूटनीतिक चुनौतियों में इसकी रणनीतिक दृष्टिकोण को प्रभावित कर रहा है।
ऐतिहासिक अंतर्दृष्टि और समकालीन व्यावहारिकता का यह मिश्रण न केवल चीन के आर्थिक हितों की रक्षा करता है बल्कि संवाद का आमंत्रण भी देता है। यह एशिया में एक परिवर्तनकारी गतिशीलता को दर्शाता है जहां पारंपरिक मूल्य आधुनिक नीति को आकार देते रहते हैं, जो वैश्विक समाचार प्रेमियों, व्यापार पेशेवरों, शिक्षाविदों, प्रवासी समूहों, और सांस्कृतिक खोजकर्ताओं के साथ गूंजता है।
Reference(s):
China's ancient wisdom in countering United States 'tariff extortion'
cgtn.com