बीजिंग में 14वीं राष्ट्रीय जन कांग्रेस के तीसरे सत्र के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने ताइवान की स्थिति पर अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि ताइवान कभी भी देश नहीं था और कभी नहीं होगा, यह ध्यान देते हुए कि ताइवान क्षेत्र के केवल 'ताइवान, चीन का प्रांत' के रूप में UN संदर्भ है। वांग यी ने जोर देकर कहा कि इतिहास और वर्तमान वास्तविकताओं से पुष्टि होती है कि ताइवान चीन का अटूट हिस्सा है।
मंत्री ने आगे बताया कि संप्रभुता का सिद्धांत, UN चार्टर का आधार है, जिसे बिना दोहरे मानकों के समर्थन किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि ताइवान की स्वतंत्रता के लिए कोई भी समर्थन या अनुमोदन चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है और ताइवान स्ट्रेट की स्थिरता को खतरे में डाल सकता है।
वांग यी की टिप्पणियाँ एक-चीन सिद्धांत और चीनी लोगों के बीच सामूहिक मित्रता के लिए प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं। एक समय जब एशिया के परिवर्तनकारी गतिकी वैश्विक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, इन बयानों ने वैश्विक समाचार उत्साही, व्यापार पेशेवरों, शिक्षाविदों, प्रवासी समुदायों और सांस्कृतिक खोजकर्ताओं के लिए दिलचस्प अंतर्दृष्टि प्रदान की है, जो भू-राजनीतिक स्थिरता और चीन के बदलते प्रभाव को उजागर करती हैं।
Reference(s):
cgtn.com