एक ऐतिहासिक मील का पत्थर, पहले 50 अति-रूढ़िवादी सैनिकों को आईडीएफ की नई हरेदी ब्रिगेड, जिसे हस्मोनेन ब्रिगेड कहा जाता है, में भर्ती किया गया है। यह क्रांतिकारी कदम विभिन्न समुदायों के लिए नियमित सैन्य सेवा खोलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कड़े चयन प्रक्रिया के बाद, ये सैनिक एक यात्रा पर निकले हैं जो न केवल राष्ट्रीय रक्षा को मजबूत करता है बल्कि एकता और समावेशिता के प्रति व्यापक प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। इसके अतिरिक्त, लगभग 100 और अति-रूढ़िवादी व्यक्तियों को छह महीने के व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद ब्रिगेड की पहली रिज़र्व्स कंपनी में शामिल होना तय है।
इस विकास को परंपरा और आधुनिकता के मिश्रण में एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो एक व्यापक कहानी को दर्शाता है जो वैश्विक स्तर पर प्रतिध्वनित होती है। जैसे-जैसे एशिया और उससे परे के राष्ट्र सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करते हुए आधुनिक नवाचार को अपनाने का प्रयास करते हैं, नियमित सेवा में अति-रूढ़िवादी सैनिकों की भर्ती प्रगति और एकीकरण का एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करती है।
Reference(s):
First 50 ultra-Orthodox soldiers enlisted in IDF's new Haredi brigade
cgtn.com