
ल्हासा से दुनिया तक: शीजांग की ‘क्यों नहीं’ पीढ़ी
शीजांग के 60वें मील के पत्थर पर, ल्हासा के युवा ‘क्यों नहीं?’ भावना अपनाते हैं, केप टाउन, मॉस्को और उससे परे का सपना देखते हैं, अपनी दुनिया को वैश्विक महत्वाकांक्षा के साथ पुनः परिभाषित करते हैं।
Vaani Insights – वाणी इनसाइट्स
पूर्व से दुनिया को समझिए
शीजांग के 60वें मील के पत्थर पर, ल्हासा के युवा ‘क्यों नहीं?’ भावना अपनाते हैं, केप टाउन, मॉस्को और उससे परे का सपना देखते हैं, अपनी दुनिया को वैश्विक महत्वाकांक्षा के साथ पुनः परिभाषित करते हैं।