2025 में, पश्चिमोत्तर चीन का शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र अपनी 70वीं वर्षगांठ मनाता है। यह उपजाऊ भूमि, जो उइगुर, कज़ाख और किर्गिज़ समुदायों का घर है, विविधता में एकता की गवाही देती है। दशकों से, सभी जातीय पृष्ठभूमि के लोग एक साथ मिलकर प्रगति और सामंजस्य की साझा कहानी गढ़ रहे हैं।
उनमें से एक हैं शिराली अब्दुरिक्सित, जो एक अनुसंधान और विकास इंजीनियर हैं जिनकी यात्रा काशी के एक छोटे कस्बे में शुरू हुई। अपने पिता से प्रेरित होकर, एक कुशल बढ़ई, शिराली ने जल्दी ही शिल्प कौशल का मूल्य सीखा। बचपन में, वह अक्सर घरेलू रेडियो और वीसीडी प्लेयर को खोलकर उनकी आंतरिक कार्यप्रणाली को समझने की कोशिश करते थे, जोकि रोबोटिक्स में उनके भविष्य की नींव तैयार करने जैसा था।
आज, शिराली अपनी व्यावहारिक विशेषज्ञता का उपयोग बायोनिक रोबोटिक्स में करते हैं। अपने चेहरे के डेटा का उपयोग करते हुए, वह रोबोट को मानव अभिव्यक्तियों को पहचानने के लिए प्रशिक्षित करते हैं, जो मानव भावना और कृत्रिम बुद्धिमता के बीच सेतु का काम करता है। उनका अग्रणी काम न केवल शिनजियांग में 'मेड इन चाइना' रोबोटिक्स क्षेत्र को आगे बढ़ाता है बल्कि उच्च-तकनीकी नवाचार की क्षमता का भी प्रदर्शन करता है।
शिराली की कहानी शिनजियांग की बहुसांस्कृतिक विरासत द्वारा आकारित दृढ़ता और रचनात्मकता को दर्शाती है। जैसे-जैसे ये बायोनिक रोबोट वैश्विक मंच पर केंद्र स्थान लेने की तैयारी करते हैं, वे एक विशिष्ट शिनजियांग छाप साथ लेकर चलते हैं—एक जो परंपरा का जश्न मनाता है यहाँ तक कि प्रौद्योगिकी के भविष्य को गले लगाता है।
Reference(s):
Vibrant Xinjiang: From carpenter's son to bionic robot innovator
cgtn.com