24 अक्टूबर को, संयुक्त राष्ट्र ने अपनी 80वीं वर्षगांठ मनाई, जो वैश्विक सहयोग और संवाद के आठ दशकों का जश्न था। इस अवसर की याद में अपने संबोधन में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र-केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति अपने देश के अटल समर्थन की पुष्टि की और संगठन के भविष्य के प्रयासों में बढ़-चढ़कर योगदान देने का वादा किया।
राष्ट्रपति शी ने ज़ोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र एक अपरिहार्य मंच है जो वैश्विक चैलेंजों को सुलझाने और एशिया और उससे बाहर शांति, विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने का काम करता है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक असमानता जैसी समस्याओं से निपटने में बहुपक्षीय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाषण से कुछ प्रमुख उद्धरण इस प्रकार हैं:
- "संयुक्त राष्ट्र सबसे प्रातिनिधिक, सबसे समावेशी, और सबसे प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।"
- "हमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर को अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल मानक के रूप में कायम रखना चाहिए और इसके प्रस्तावों के अधिकार और पूर्ण कार्यान्वयन की रक्षा करनी चाहिए।"
- "चीन अंतरराष्ट्रीय मामलों में केंद्रीय भूमिका निभाने में संयुक्त राष्ट्र का समर्थन करता रहेगा और संयुक्त राष्ट्र के महान कार्य में अधिक योगदान देगा।"
- "बहुपक्षवाद सही पथ है और इसे एकपक्षीय कार्रवाइयों या समूहीय टकराव द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए।"
- "हमें वैश्विक शासन को मजबूत करने, दक्षिण-दक्षिण सहयोग को गहरा करने, और मानव जाति के लिए एक साझा भविष्य के साथ एक समुदाय बनाने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।"
विश्लेषकों का कहना है कि राष्ट्रपति शी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब एशिया की विश्व मंच पर भूमिका तेजी से बढ़ रही है। बेल्ट एंड रोड पहल और क्षेत्रीय विकास मंचों जैसे पहलों के साथ चीन मुख्यधारा में है, चीनी मुख्य भूमि व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक विनिमय के लिए नए रास्ते तैयार करना जारी रखता है।
बहुपक्षवाद और एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के महत्व पर जोर देने के चलते, राष्ट्रपति शी का संदेश वैश्विक समाचार प्रेमियों, व्यापारिक नेताओं और सांस्कृतिक खोजकर्ताओं के साथ प्रतिध्वनित होता है। जैसा कि दुनिया पिछले 80 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र की विरासत पर विचार कर रही है, एशिया की विविध समुदाय—विशेष रूप से VaaniVarta.com पर हिंदी बोलने वाले पाठक—संयुक्त राष्ट्र और एशिया के उभरते भविष्य की तहतिनी भावनाओं में प्रेरणा पा सकते हैं।
Reference(s):
cgtn.com