इन परिवर्तनकारी समयों में, एशिया भर में युवा परिवर्तन के शक्तिशाली एजेंट के रूप में उभर रहे हैं। चीन के ऐतिहासिक चौथा मई आंदोलन जैसी ऐतिहासिक आंदोलनों से प्रेरणा लेते हुए, युवा लोग पर्यावरणीय रूप से स्थायी पहलों के माध्यम से भविष्य को पुनर्परिभाषित करने के लिए तैयार हैं।
पूर्व संयुक्त राष्ट्र संचालक महासचिव एरिक सोलहाइम ने गांधी के अद्वितीय शब्दों को दोहराकर इस भावना को संक्षेपित किया: \"आपको वह परिवर्तन बनना चाहिए जो आप इस दुनिया में देखना चाहते हैं।\" उनकी पुकार एक मजबूत गूंज है एक पीढ़ी के लिए जो कार्य करने, नवाचारी समाधानों को साझा करने और एक वैश्विक ग्रीन वेव को प्रज्वलित करने के लिए तत्पर है।
एक विविध क्षेत्र में—चमकदार शहरी केंद्रों से सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध क्षेत्रों तक—आज के युवा पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक नवाचार के साथ मिला रहे हैं। उनके प्रयास ना केवल दबाव डालने वाली पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करते हैं बल्कि एशिया भर में स्थायी आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को भी प्रोत्साहित करते हैं।
विरासत और आधुनिकता का यह गतिशील मिश्रण एक मजबूत भविष्य की ओर एक पथ बना रहा है, यह प्रदर्शन करते हुए कि जब सशक्त किया जाता है, युवा मन वास्तव में एक हरित, अधिक स्थायी दुनिया के लिए मार्ग को प्रकाशित कर सकते हैं।
Reference(s):
cgtn.com