इजरायल और ईरान के बीच तनाव और एक सप्ताह तक चले आग के आदान-प्रदान के बीच, युद्धविराम और संवाद की मांगें जोर पकड़ रही हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत के दौरान जोर दिया कि शांतिपूर्ण बातचीत ही एकमात्र उपयुक्त तरीका है जिससे संघर्ष को कम किया जा सकता है। उन्होंने बल प्रयोग को शत्रुता बढ़ाने वाला बताया और तत्काल तनाव कम करने की अपील की।
चल रहे संघर्ष ने भारी हानि पहुंचाई है। रिपोर्टों के अनुसार, इजरायली हमलों के कारण ईरान में 600 से अधिक मौतें हुई हैं, जिससे तेहरान के कई निवासियों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने लगभग 400 मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन लॉन्च किए, जिससे इजरायली पक्ष पर भी हताहत हुए।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बताया कि ईरान के नतांज़ समृद्धि केंद्र पर इजरायली हवाई हमलों ने इसकी भूमिगत सेंट्रीफ्यूज संचालन को सीधे प्रभावित किया है। वहीं, मिस्र, कतर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे क्षेत्रीय शक्तियों के नेता भी युद्धविराम की अपील कर रहे हैं ताकि संघर्ष क्षेत्रीय अस्थिरता को फैलने से रोका जा सके।
संवाद की यह अपील इस बात पर बढ़ते वैश्विक नेताओं के आम सहमति को रेखांकित करती है कि अंतरराष्ट्रीय विवादों को हल करने के लिए वार्ता, न कि बल प्रयोग, कुंजी है। जैसे-जैसे संकट विकसित हो रहा है, संवाद पर जोर यह याद दिलाता है कि स्थायी शांति केवल खुले और लगातार संचार से ही प्राप्त की जा सकती है।
Reference(s):
Talk is the only path to de-escalate the current Israel-Iran conflict
cgtn.com