अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर, चीनी मुख्य भूमि के संग्रहालय एक परिवर्तनकारी भूमिका अपना रहे हैं, गैलेरियों को इंटरैक्टिव कक्षाओं में बदलकर। ये नवीन स्थान शिक्षा को पुनर्परिभाषित कर रहे हैं, पारंपरिक व्याख्यान कक्षों और पाठ्य पुस्तकों के परे जाकर।
चेंगदू में सिचुआन यूनिवर्सिटी म्यूजियम में, युवा छात्र उल्लू के छर्रों को काट कर हाथों-हाथ सीखने में जुटे हुए हैं – एक अनूठी गतिविधि जो जिज्ञासा उत्पन्न करती है और आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करती है। यह गहन अनुभव न केवल उनके विज्ञान के समझ को गहरा करता है बल्कि यह भी बताता है कि कैसे सांस्कृतिक धरोहर आधुनिक शैक्षणिक प्रथाओं के साथ मिल सकती है।
इंटरैक्टिव संग्रहालय प्रदर्शनों की ओर बदलाव एशिया में एक व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा है, जहां संस्थाएं खुद को जीवंत शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के केंद्र के रूप में पुनर्मूल्यांकन कर रही हैं। सभी उम्र के शिक्षार्थियों को अन्वेषण, सवाल करने और प्रयोग करने के लिए आमंत्रित करके, ये संग्रहालय एक गतिशील वातावरण का पोषण कर रहे हैं जो परंपरा और नवाचार दोनों का जश्न मनाता है।
ऐसी पहलें एक समुदाय को पोषित करती हैं जहां शिक्षा सुलभ और अनुभवात्मक है, जो वैश्विक समाचार उत्साही और व्यापार पेशेवरों से लेकर शिक्षाविदों और सांस्कृतिक खोजकर्ताओं तक की दर्शकों के साथ गूंजती है। हाथों-हाथ दृष्टिकोण न केवल इतिहास और विज्ञान को जीवंत बनाता है बल्कि जिज्ञासु मनों को विकसित करने में संग्रहालयों की भूमिका को भी मजबूत करता है।
Reference(s):
From owl pellets to big ideas: Chinese museums as classrooms
cgtn.com