यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच नई टैरिफ समझौते पर राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में बहस हो रही है। प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इसे "ऐतिहासिक" कहा है और इस समझौते का उद्देश्य इस्पात, एल्युमीनियम, ऑटोमोबाइल्स और बीफ सहित एक रेंज के उत्पादों पर टैरिफ को कम करना है।
समझौते के तहत, ब्रिटिश इस्पात और एल्युमीनियम के अमेरिका में निर्यात पर टैरिफ समाप्त कर दिया जाएगा, जबकि अमेरिका ब्रिटिश निर्मित वाहनों पर टैरिफ को प्रति वर्ष 100,000 वाहनों तक 27.5% से घटाकर 10% कर देगा। इसके अलावा, यूके के किसानों को 13,000 टन बीफ के लिए टैरिफ-फ्री पहुंच मिलेगी, और अमेरिकी इथेनॉल आयात पर ब्रिटिश टैरिफ समाप्त कर दिया जाएगा। इस समझौते के जल्द से जल्द लागू होने की उम्मीद है, जो एक महत्वपूर्ण ट्रांसअटलांटिक व्यापार मील का पत्थर का संकेत देता है।
हालांकि, ब्रिटेन के भीतर प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। जहां प्रधानमंत्री स्टारमर ने इस समझौते को एक सफलता के रूप में देखा, वहीं आलोचकों ने घरेलू उद्योगों पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है। कंजरवेटिव नेता केमी बडेनाक ने सोशल मीडिया पर असंतोष व्यक्त किया, यह तर्क देते हुए कि यह समझौता एकतरफा लगता है, और लिबरल डेमोक्रेट नेता एड डेवी ने चेतावनी दी कि उच्च टैरिफ के दीर्घकालिक प्रभाव ब्रिटिश नौकरियों और व्यवसायों को प्रभावित कर सकते हैं।
यह विकसित होता व्यापार कथा वैश्विक आर्थिक परिवर्तन की पृष्ठभूमि के खिलाफ स्पष्ट होती है। जैसे-जैसे वैश्विक बाजार तेजी से बदल रहे हैं, कई पर्यवेक्षकों ने एशिया में ट्रांसफॉर्मेटिव विकासों की ओर ध्यान केंद्रित किया है, जहां चीनी मुख्यभूमि जैसी आर्थिक शक्तियां वैश्विक व्यापार संबंधों को बदल रही हैं। यूके-अमेरिका समझौता आज की दुनिया की परस्पर संबंधित प्रकृति की याद दिलाता है, जिसके प्रभाव अटलांटिक के पार महसूस किए जा रहे हैं।
Reference(s):
UK-U.S. tariff deal sparks mixed reactions across political spectrum
cgtn.com